हम और आप कंज्यूमर है…मर हैं, अमर भी हैं
क्या आप जानते हैं कि ऑर्गेनिक कम्पोस्ट या खाद को सही तरह से तैयार नहीं किया गया या उस कम्पोस्ट का सही तरह से रख रखाव ना हो तो इसमें उपस्थित प्रोटीन्स और एमीनो एसिड्स विघटित होकर (टूटकर) सामान्य रसायनों में तब्दील हो जाते हैं। यानी उस कम्पोस्ट की गुणवत्ता तो कम हो ही जाती है और तो और वह पूरी तरह ऑर्गेनिक भी नहीं रह जाता है। ये सिर्फ इकलौता ऐसा पॉइंट नहीं है जो ऑर्गेनिक खेती की प्रक्रिया में बेहद अहम है। ऐसे कई बिंदु हैं जो किसी फार्म या फार्म उत्पाद के ऑर्गेनिक होने के दावों को खोखला कर सकते हैं। कई प्रगतिशील किसानों और बड़े-बड़े तथाकथित खेतीहरों को ये भ्रम है कि वे लोग जिस उत्पाद को उगा रहे हैं वो शत प्रतिशत ऑर्गेनिक है..हो सकता है उनकी खेती प्रक्रिया बिल्कुल ऑर्गेनिक तरीके से अपनायी गयी हो और उत्पाद भी काफी हद तक उनके दावों के अनुरूप भी हों…लेकिन कौन जाने, ऐसा है भी या नहीं। हमारे देश में ऐसी कौनसी एजेंसी है जो फार्म प्रोड्क्ट्स की गुणवत्ता के लिए ठप्पा लगाती है? और यदि है तो क्या उस एजेंसी के ठप्पे पर भरोसा किया जा सकता है? बाज़ार में चावल, दाल, सब्जियों से लेकर गुड़, चीनी और फल भी ऑर्गेनिक कहकर धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। हम लोगों को खेती-बाड़ी में इस्तमाल में आनेवाले घातक रसायनों, गंदे पानी और हॉर्मोन वाले इंजेक्शन की बात बताकर इतना डरा दिया गया है कि कोई भी आमया-गोमया या ऐरा गैरा भी धड़ल्ले से अपने उत्पादों को ऑर्गेनिक बोलकर बेच रहा है, हमारे डर का फायदा उठाया जा रहा है..और हम डर के सताए लोग, बेजा रकम देकर ऐसे उत्पादों को खरीद भी लेते हैं। आखिर किस दावे पर हम ऐसे उत्पादों पर भरोसा करते हैं? किसी एजेंसी के ठप्पे को आप भरोसे का ठप्पा समझेंगे? इस डर को दूर भगाने के लिए ना कोई सटीक सरकारी एजेंसी है ना कोई माई-बाप…और जो इक्का दुक्का एजेंसीज़ हैं उनके बारे में मैं जिक्र भी नहीं करना चाहता…एक प्रॉडक्ट की गुणवत्ता, न्यूट्रिशन और शुगर कंटेट जानने के लिए मैंने गुजरात की तीन-तीन बड़ी-बड़ी लैबोरेट्रीज़ में टेस्ट करवाए…हासिल क्या आया? शून्य..तीनों की रिपोर्ट्स नॉर्थ पोल और साउथ पोल…और मज़े की बात…तीनों रिपोर्ट्स को क्रॉस चेक करने के लिए चौथी रिपोर्ट मुंबई से करवाया…अब ये चौथी नयी जानकारी लेकर आगए…किस पर भरोसा करेंगे आप? सब धंधा है, सब ऑर्गेनिक है..हम और आप कंज्यूमर है…मर हैं, अमर भी हैं